Sheikh Abdul Razzaq Jhinjhanvi
Sufi Quotes 1

सबसे क़रीब रास्ता ज़िक्र है लेकिन उससे भी ज़्यादा क़रीब है - पीर की सूरत में ध्यान लगाना।
अगर कोई शख़्स अकेले एक कोने में बैठकर सिर्फ़ पीर की सूरत में मगन रहे तो वह ख़ुदा तक पहुँच सकता है, अगर उस ने कोई दूसरी रियाज़त न भी की हो। शुरूआती साधक के लिए ज़रूरी है कि वह पीर की सूरत पर ध्यान लगाए, क्योंकि ख़ुदा का दर्शन तब तक मुमकिन नहीं, जब तक वो इंसान-ए-कामिल की सूरत में न हो।